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स्विट्जरलैंड ने भारतीयों से पूछा, भारत को क्यों नहीं दें उनके खातों का ब्योरा | Switzerland Asked Indians, Why Not Give Details Of Their Accounts

स्विट्जरलैंड ने भारतीयों से पूछा, भारत को क्यों नहीं दें उनके खातों का ब्योरा



स्विट्जरलैंड ने अपने बैंकों के खातों में भारतीयों की तरफ से जमा कराए गए धन का ब्योरा भारत के साथ शेयर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अचानक ही इस प्रकिया के कारण स्विस बैंक के भारतीय खाताधारकों को मिलने वाले नोटिसों की संख्या में अहम बढ़ोतरी हुई है और अकेले पिछले एक सप्ताह में दर्जन भर से ज्यादा को पत्र भेजकर यह स्पष्ट करने को कहा है कि उनके खातों की जानकारी भारत को क्यों नहीं दी जाए।

मार्च से अब तक स्विस अधिकारियों ने स्विट्जरलैंड स्थित बैंकों के करीब 25 भारतीय खाताधारकों को यह पत्र भेजे हैं, जिनमें उन्हें अपने खाते का ब्योरा भारत के साथ साझा किए जाने के खिलाफ अपील करने का आखिरी मौका दिया गया है। इन सभी को 30 दिन के अंदर पुख्ता कागजातों के साथ अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया है। स्विस सरकार के फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन ने अकेले 21 मई को ही करीब 11 भारतीयों को यह नोटिस जारी करने की पुष्टि की है। हालांकि स्विस सरकार के गजट नोटिफिकेशन में अधिकतर के पूरे नाम संशोधित करते हुए केवल उनके उपनाम, राष्ट्रीयता और जन्मतिथि का ही जिक्र किया गया है।

महज दो ही नाम दिए हैं पूरे
स्विस अधिकारियों की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में महज दो ही नाम पूरे दिए गए हैं। इनमें से एक नाम कृष्ण भगवान रामचंद का और दूसरा नाम कल्पेश हर्षद किनारीवाला का है। हालांकि दोनों के ही बारे में अप्रैल में जारी नोटिस में इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है। सरकारी गजट में अन्य भारतीयों के नाम का संक्षिप्तीकरण करते हुए मिसेज एएसबीके (जन्मतिथि 24 नवंबर, 1944), मिस्टर एबीकेआई (जन्मतिथि 9 जुलाई, 1944) आदि के तौर पर दिया गया है। एक अन्य भारतीय रतन सिंह चौधरी को भी 7 मई को ऐसा नोटिस भेजते हुए जवाब के लिए 10 दिन का समय दिया है। 

एचएसबीसी और पनामा पेपर लीक से जुड़े नामों को नोटिस
सूत्रों के मुताबिक, स्विस अधिकारियों की तरफ से अधिकतर उन लोगों को नोटिस जारी किए गए है, जिनके नाम पनामा पेपर लीक और एचएसबीसी बैंक लीक में होने की संभावना थी। बता दें कि इन लीक हुए कागजातों में बहुत सारे भारतीयों के नाम पर स्विस बैंक खाते होने की जानकारी दी गई थी। इस मामले की जांच भारतीय जांच एजेंसियां कथित काला धन मामले से जोड़कर कर रही हैं।
 

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